रिश्तों की परिभाषा में बिन कहें शब्द....... दोस्त | हिंदी शायरी

"रिश्तों की परिभाषा में बिन कहें शब्द....... दोस्त ही होती है। क्यों कि दोस्ती के शब्द अक्स दोस्त के मुंह से नहीं निकलता है। एक डांट, फटकार, और न जाने कितने बिन मतलब से बाते, दुःख दर्द, निकलता है और उससे आगे एक छोटा साथ कह देना "यार हम है न" , एक " हम हैं न" पुरे विश्व के बाहुबली महसूस करा देते हैं। दोस्ती की मीठास, ये होती है। मित्रता दिवस की हार्दिक शुभकामनाएं 🥳🙏 ©Dev Rishi"

 रिश्तों की परिभाषा में बिन कहें शब्द....... दोस्त ही होती है।
 क्यों कि दोस्ती के शब्द अक्स दोस्त के मुंह से नहीं निकलता है। 
एक डांट, फटकार, और न जाने कितने बिन मतलब से बाते, दुःख दर्द,
 निकलता है और उससे आगे एक छोटा साथ कह देना "यार हम है न"  ,
 एक " हम हैं न" पुरे विश्व के बाहुबली महसूस करा देते हैं। 
दोस्ती की मीठास, ये होती है।


मित्रता दिवस की हार्दिक शुभकामनाएं 🥳🙏

©Dev Rishi

रिश्तों की परिभाषा में बिन कहें शब्द....... दोस्त ही होती है। क्यों कि दोस्ती के शब्द अक्स दोस्त के मुंह से नहीं निकलता है। एक डांट, फटकार, और न जाने कितने बिन मतलब से बाते, दुःख दर्द, निकलता है और उससे आगे एक छोटा साथ कह देना "यार हम है न" , एक " हम हैं न" पुरे विश्व के बाहुबली महसूस करा देते हैं। दोस्ती की मीठास, ये होती है। मित्रता दिवस की हार्दिक शुभकामनाएं 🥳🙏 ©Dev Rishi

दोस्ती शायरी

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