रिश्तों की परिभाषा में बिन कहें शब्द....... दोस्त ही होती है।
क्यों कि दोस्ती के शब्द अक्स दोस्त के मुंह से नहीं निकलता है।
एक डांट, फटकार, और न जाने कितने बिन मतलब से बाते, दुःख दर्द,
निकलता है और उससे आगे एक छोटा साथ कह देना "यार हम है न" ,
एक " हम हैं न" पुरे विश्व के बाहुबली महसूस करा देते हैं।
दोस्ती की मीठास, ये होती है।
मित्रता दिवस की हार्दिक शुभकामनाएं 🥳🙏
©Dev Rishi
दोस्ती शायरी