मेरे वश में अगर हो तो तुझ पर इतना तो सितम करूं
अपना सारा दर्द तुझे देकर मैं खुद को बेदर्द कर दूं..!!
तेरा दिया तुझे लौटा कर बेवफाई का हक़ अदा कर दूं
तुझे दर्द के पिंजरे में कैद कर खुद को आजाद कर दूं
छीन कर हंसी तेरी आंखों को अश्कों का सावन कर दूं
छीन कर तुझसे तेरे प्यार को तुझे तन्हा कर दूं....!!
कोई अपना मिले ना तुझे तेरे शहर को मैं ऐसे वीरान कर दूं
तब अपने जज्बात दूं दर्द ए जुदाई तू पल भर सह ना सके
कांटों भरा रास्ता दूं जिस पर एक कदम भी तू चल ना सके
फिर छीन लूं जुबां तू हाल-ए- दिल भी कह ना सके...!!
मेरे जैसे ना जी सके ना मर सके ऐसा तेरा हाल कर दूं
खुद से नफरत करने लगे फितरत को तेरा आईना कर दूं
तू सिसकने लगे दर्द की इंतेहा से तब तुझ पर मैं रहम कर दूं
तेरा छीना हुआ सब लौटा कर तुझे फिर से खुशहाल कर दूं..!
तेरे किए का तुझे एहसास हो जाए तब खुद को गुमनाम कर दूं
तू आए मेरे दर पर तब मैं तुझे पहचानने तक से इंकार कर दूं...!
तू चाहे गले लगा कर मेरा दर्द बांटना पर छू भी ना पाए मुझे
खुद्दारी की आग में मैं खुद को जला कर राख कर दूं...!!
छोड़ दूं तुझे उम्र भर के लिए पछतावे की आग में जलने को
फिर करे ना कोई किसी से बेवफाई ऐसी एक मिसाल कर दूं
ठुकरा कर तुझे इस कहानी को मैं इतिहास कर दूं ........!!
©Rishi Kumar
दर्द भरे अरमान....!!
#alonesoul