कोई स्त्री जब कभी तुमपर भरोसा कर के ऐसा कुछ कर जाए,जो उसकी निजता की सारी सीमाएं लांघती हो, जिसका संबंध सीधा उसकी अंतर्मन की उलझी सुलझी तारों से और जिसके छेड़ने मात्र से उसकी रूह में तुम्हारे स्पर्श के निशान बन जाएं,तो उस बात को तुम अपने मन की शिला पर लिख कर उसे अपने हृदय में स्थापित करके इस तरह भूल जाना जैसे कभी कुछ हुआ ही नही, और कभी भी उस पल का जुमला बना कर किसी को ठहाके के बीच मत लुटा देना...! वरना नामर्द कहलाओगे
©Vandana tripathi