शहर हो या गांव हर कहीं होते हैं धूम मस्ती  ढेरो | हिंदी कव

"  शहर हो या गांव हर कहीं होते हैं धूम मस्ती  ढेरों जतन। हां यही तो है इक विवाह का घर, सब धर्मों की साक्षी में जहां होते लगन। मगर जब देश की खातिर ड्यूटी पर, जाते हैं उनके सैनिक साजन। खिड़की की सलाखों  से प्यार से झांकते हैं ये कजरारे  नयन। गोरी कलाई में सजी हरी चूड़ियां पहन, करती है विदा उन्हें नवेली दुल्हन । मुड़कर  देख लेने को इक बार, मजबूर करती है, चूड़ियों की खनखन। ठिठक जाते है कुछ पल को, उनके आगे  बढ़ते कदम। याद आता है मगर मातृभूमि और तिंरगे की रक्षा का  हर वचन। चल पड़ते हैं फिर वो सीमा की तरफ   ले मजबूत इरादे और कठोर मन।। स्वरचित स्नेह शर्मा ©#Sneha Sharma "

  शहर हो या गांव हर कहीं होते हैं धूम मस्ती  ढेरों जतन। हां यही तो है इक विवाह का घर, सब धर्मों की साक्षी में जहां होते लगन। मगर जब देश की खातिर ड्यूटी पर, जाते हैं उनके सैनिक साजन। खिड़की की सलाखों  से प्यार से झांकते हैं ये कजरारे  नयन। गोरी कलाई में सजी हरी चूड़ियां पहन, करती है विदा उन्हें नवेली दुल्हन । मुड़कर  देख लेने को इक बार, मजबूर करती है, चूड़ियों की खनखन। ठिठक जाते है कुछ पल को, उनके आगे  बढ़ते कदम। याद आता है मगर मातृभूमि और तिंरगे की रक्षा का  हर वचन। चल पड़ते हैं फिर वो सीमा की तरफ   ले मजबूत इरादे और कठोर मन।। स्वरचित स्नेह शर्मा ©#Sneha Sharma

#paani

People who shared love close

More like this

Trending Topic