चलो आज कुछ हकीकत बयान करदु
बीते दिनो की वहशत जुबान करदु
छोड मुझेको युंही क्या तुम जा पाउगे
चलो मैं खुदा ही मोहलत आसान करदु
मजबूरी ये आदतन मुंतज़िर नहीं रहता
बेहतर है खतम इज्जत ए इम्तिहान करदु
हां नहीं मुझे अब कोई इंतजार सच है
कहो तो मैं ही फुरकत ए एहसान करदु
अज़ीब फलसफ़ा है यहाँ दिल दुखाने का सारिम
अब सोचा है बस खुद ही कुर्बत कुर्बान करदु
©Mohammad sarim
#SAD #Dard