बिन बात किए सो जाऊं और तू मुझको सदा ना दे । इतनी | हिंदी शायरी

"बिन बात किए सो जाऊं और तू मुझको सदा ना दे । इतनी भी तड़प मुझको.... ऐ जान- ए -वफा ना दे ।। तक्लीफ हो गर मुझसे मेरी जान मुझको सजा देना । मुझे... तुझसे जो जुदा कर दे कोई ऐसी सजा ना दे ।। अंदाजा कर ही नहीं सकता जो शमा ए मुहब्बत की तपिश है दिल में,डर है कोई तुझको ये बात बता ना दे ।। मुझको खबर है मुहब्बतों का सैलाब मौजूद है तुझमें । परेशां हूं....किस्मत के शोलों में खुद को तू जला ना दे ।। अश्कों की भी मेंह देखो ..... किस जोर की बरसी है । संभाल के जो रखा है ..... तेरी यादों को बहा ना दे ।। खिलने को तो कलियां वक़्त से पहले ही खिल जाएं । तबस्सुम को दिखाकर होंठों से खामोशी वो हटा ना दे ।। ✍️ राशिद कहलगांवी"

 बिन बात किए सो जाऊं और तू मुझको सदा ना दे ।
 इतनी भी तड़प मुझको.... ऐ जान- ए -वफा ना दे ।।

तक्लीफ हो गर मुझसे मेरी जान मुझको सजा देना ।
मुझे... तुझसे जो जुदा कर दे कोई ऐसी सजा ना दे ।।

अंदाजा कर ही नहीं सकता  जो शमा ए मुहब्बत की 
तपिश है दिल में,डर है कोई तुझको ये बात बता ना दे ।।

मुझको खबर है मुहब्बतों का सैलाब मौजूद है तुझमें ।
परेशां हूं....किस्मत के शोलों में खुद को तू जला ना दे ।।

अश्कों की भी मेंह देखो ..... किस जोर की बरसी है ।
संभाल के जो रखा है .....  तेरी यादों को बहा ना दे ।।

खिलने को तो कलियां वक़्त से पहले ही खिल जाएं ।
तबस्सुम को दिखाकर होंठों से खामोशी वो हटा ना दे ।।

  
  ✍️ राशिद कहलगांवी

बिन बात किए सो जाऊं और तू मुझको सदा ना दे । इतनी भी तड़प मुझको.... ऐ जान- ए -वफा ना दे ।। तक्लीफ हो गर मुझसे मेरी जान मुझको सजा देना । मुझे... तुझसे जो जुदा कर दे कोई ऐसी सजा ना दे ।। अंदाजा कर ही नहीं सकता जो शमा ए मुहब्बत की तपिश है दिल में,डर है कोई तुझको ये बात बता ना दे ।। मुझको खबर है मुहब्बतों का सैलाब मौजूद है तुझमें । परेशां हूं....किस्मत के शोलों में खुद को तू जला ना दे ।। अश्कों की भी मेंह देखो ..... किस जोर की बरसी है । संभाल के जो रखा है ..... तेरी यादों को बहा ना दे ।। खिलने को तो कलियां वक़्त से पहले ही खिल जाएं । तबस्सुम को दिखाकर होंठों से खामोशी वो हटा ना दे ।। ✍️ राशिद कहलगांवी

#Night @Anita @Kuldeep Bhadauria @imran haideri khan saad

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