वो जमीन में बेसुध पड़ी थी
नोचा था जालिम ने शरीर पर कुछ इस कदर
वो लाचार सी बस सांस रोकी पड़ी थी
बच निकलने को उसके हाथों
लाल रंग में रंगी पड़ी थी
ना था बदन पे कपड़ा
वो बस हाथों का सहारा लिए पड़ी थी
कुत्तों सी नोची गई आबरू लिए
जमाने का डर लिए खड़ी थी
वो आखरी वक्त तक मां बाप की
आबरू बचाती पड़ी थी
बहुत गिड़गिड़ाई सामने उसके
वो सहमी सी अधमरी पड़ी थी
वो निहारता रहा उसके नंगे बदन को बदहवास सा
उसकी आँखो में हवस भरी पड़ी थी
©Aaryan lalit
pls share.. Nik JAT शादाब खांन 'शाद' Manjeet Sharma 'Meera' Nehu❤ @Surbhi Rajput