हूं टकटकी लगाए उस आसमां को जहां खोया बहुत कुछ मेर | हिंदी कविता

"हूं टकटकी लगाए उस आसमां को जहां खोया बहुत कुछ मेरा ढूंढती हाथ में डोर वही था उड़ गया जिस संग बचपन मेरा यकीन है मुझे की फिजा कुछ रुख यूं लेगी वो हवा है मुझसे गुजरी हुई , मेरी खुशबू पहचान ही लेगी #nototohindi ©एहसास"

 हूं टकटकी लगाए उस आसमां को
जहां खोया बहुत  कुछ मेरा
ढूंढती हाथ में डोर वही
था उड़ गया जिस संग बचपन मेरा
यकीन है मुझे की फिजा कुछ रुख यूं लेगी वो हवा है मुझसे गुजरी हुई , मेरी खुशबू पहचान ही लेगी
#nototohindi

©एहसास

हूं टकटकी लगाए उस आसमां को जहां खोया बहुत कुछ मेरा ढूंढती हाथ में डोर वही था उड़ गया जिस संग बचपन मेरा यकीन है मुझे की फिजा कुछ रुख यूं लेगी वो हवा है मुझसे गुजरी हुई , मेरी खुशबू पहचान ही लेगी #nototohindi ©एहसास

#ChildrensDay

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