तपती धूप मे जब उसने खुद को जलाया है तब जाके एक परिवार फल फूल पाया है,
बारिश मे छत जैसी वो छाया है,
कतरा कतरा घिस कर उसने हमको बनाया है,
कोख मे नही दिमाग मे 9 महीने बसाया है,
फिर चलना, गिर कर संभलना भी तो उन्होने ने ही सिखाया है,
Aese hi nahi kehte dhoop me thadi chao sa pita ka saya hai.
©Shikhar Bajpai
Happy fathers day
#FathersDay