ना तुम होशियार हो ना मैं मुर्ख हूं.. सब समय का खेल | हिंदी शायरी

"ना तुम होशियार हो ना मैं मुर्ख हूं.. सब समय का खेल है तुम्हारा अच्छा चल रहा है बस मेरा खराब...? ©AJIT ANCHAL YADAV"

 ना तुम होशियार हो ना मैं मुर्ख हूं..
सब समय का खेल है तुम्हारा अच्छा चल रहा है 
बस मेरा खराब...?

©AJIT ANCHAL YADAV

ना तुम होशियार हो ना मैं मुर्ख हूं.. सब समय का खेल है तुम्हारा अच्छा चल रहा है बस मेरा खराब...? ©AJIT ANCHAL YADAV

#adventure ना तुम होशियार हो ना मैं मुर्ख हूं..
सब समय का खेल है तुम्हारा अच्छा चल रहा है
बस मेरा खराब...?

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