ख़्वाहिश मैनें कहा खुदा से क्यों मेरी ख़्वाहिश नही स | हिंदी Shayari
"ख़्वाहिश मैनें कहा खुदा से क्यों मेरी ख़्वाहिश नही सुनता
मै एक भी पल उसके बिन रह नही पाती
उसने मुस्कुरा के जवाब दिया,
तेरी भी ये ख्वाहिश मुकंबल हो जाती
गर उसके दिल को भी कभी तेरी याद आती"
ख़्वाहिश मैनें कहा खुदा से क्यों मेरी ख़्वाहिश नही सुनता
मै एक भी पल उसके बिन रह नही पाती
उसने मुस्कुरा के जवाब दिया,
तेरी भी ये ख्वाहिश मुकंबल हो जाती
गर उसके दिल को भी कभी तेरी याद आती