White दिल को क़रार मिले ऐसी तक़दीर चाहिए थी मुझे तो | हिंदी कविता

"White दिल को क़रार मिले ऐसी तक़दीर चाहिए थी मुझे तो यार बस उसकी एक तस्वीर चाहिए थी वो रहे अपनी दुनियाँ में मशगूल, मुझे कोई ग़म नहीं हो जाए कभी मुलाक़ात, क़िस्मत बे-नज़ीर चाहिए थी वो के सादा-दिल है उसपर मख़मली आवाज़ उसकी मिज़ाज़ को मेरे ऐसी ही कोई दिल-गीर चाहिए थी ये नवम्बर का महीना और तपन ऐसी मौसम तो अब तलक अकसीर चाहिए थी तुम के यार रहते हो ख़ल्वत में "गौरव" हुलिए से तो तुमको होना बे-पीर चाहिए थी ©️iamkumargourav ©Gourav (iamkumargourav)"

 White दिल को क़रार मिले ऐसी तक़दीर चाहिए थी
मुझे तो यार बस उसकी एक तस्वीर चाहिए थी

वो रहे अपनी दुनियाँ में मशगूल, मुझे कोई ग़म नहीं
हो जाए कभी मुलाक़ात, क़िस्मत बे-नज़ीर चाहिए थी

वो के सादा-दिल है उसपर मख़मली आवाज़ उसकी
मिज़ाज़ को मेरे ऐसी ही कोई दिल-गीर चाहिए थी

ये नवम्बर का महीना और तपन ऐसी
मौसम तो अब तलक अकसीर चाहिए थी

तुम के यार रहते हो ख़ल्वत में "गौरव"
हुलिए से तो तुमको होना बे-पीर चाहिए थी
©️iamkumargourav

©Gourav (iamkumargourav)

White दिल को क़रार मिले ऐसी तक़दीर चाहिए थी मुझे तो यार बस उसकी एक तस्वीर चाहिए थी वो रहे अपनी दुनियाँ में मशगूल, मुझे कोई ग़म नहीं हो जाए कभी मुलाक़ात, क़िस्मत बे-नज़ीर चाहिए थी वो के सादा-दिल है उसपर मख़मली आवाज़ उसकी मिज़ाज़ को मेरे ऐसी ही कोई दिल-गीर चाहिए थी ये नवम्बर का महीना और तपन ऐसी मौसम तो अब तलक अकसीर चाहिए थी तुम के यार रहते हो ख़ल्वत में "गौरव" हुलिए से तो तुमको होना बे-पीर चाहिए थी ©️iamkumargourav ©Gourav (iamkumargourav)

दिल को क़रार मिले ऐसी तक़दीर चाहिए थी
मुझे तो यार बस उसकी एक तस्वीर चाहिए थी

वो रहे अपनी दुनियाँ में मशगूल, मुझे कोई ग़म नहीं
हो जाए कभी मुलाक़ात, क़िस्मत बे-नज़ीर चाहिए थी

वो के सादा-दिल है उसपर मख़मली आवाज़ उसकी
मिज़ाज़ को मेरे ऐसी ही कोई दिल-गीर चाहिए थी

People who shared love close

More like this

Trending Topic