White मैं दुआओं में हमेशा के लिए ज़िन्दा रहूँ। बदद | हिंदी कविता

"White मैं दुआओं में हमेशा के लिए ज़िन्दा रहूँ। बददुआ न लूँ किसी की मैं न शर्मिन्दा रहूंँ। काम हों सबकी भलाई के मेरे हाथों सदा- नेक नगरी का हमेशा नेक बाशिन्दा रहूँ। दिल दुखाऊँ ना किसी का तीखी कड़वी बात से। मैं कभी खेलूँ नहीं मजबूर के जज़्बात से। साथ दूँ मैं हर क़दम सबका, मदद सबकी करूँ- मैं न घबराऊँ कभी बिगड़े हुए हालात से। मैं कभी नीचे न गिर जाऊँ मेरे किरदार से। पेश आऊँ मैं सभी से हर घड़ी बस प्यार से । याद करके लोग मुझसे मत करें निन्दा कभी- अलविदा जब लूँ कभी मैं दुनिया के बाजार से। रिपुदमन झा 'पिनाकी' धनबाद (झारखण्ड) स्वरचित एवं मौलिक ©रिपुदमन झा 'पिनाकी'"

 White मैं दुआओं में हमेशा के लिए ज़िन्दा रहूँ।
बददुआ न लूँ किसी की मैं न शर्मिन्दा रहूंँ।
काम हों सबकी भलाई के मेरे हाथों सदा-
नेक नगरी का हमेशा नेक बाशिन्दा रहूँ।

दिल दुखाऊँ ना किसी का तीखी कड़वी बात से।
मैं  कभी  खेलूँ  नहीं  मजबूर  के  जज़्बात  से।
साथ दूँ मैं हर क़दम सबका, मदद सबकी करूँ-
मैं  न  घबराऊँ  कभी  बिगड़े  हुए  हालात   से।


मैं कभी नीचे न गिर जाऊँ मेरे किरदार से।
पेश आऊँ मैं सभी से हर घड़ी बस प्यार से ।
याद करके लोग मुझसे मत करें निन्दा कभी-
अलविदा जब लूँ कभी मैं दुनिया के बाजार से।

रिपुदमन झा 'पिनाकी'
धनबाद (झारखण्ड)
स्वरचित एवं मौलिक

©रिपुदमन झा 'पिनाकी'

White मैं दुआओं में हमेशा के लिए ज़िन्दा रहूँ। बददुआ न लूँ किसी की मैं न शर्मिन्दा रहूंँ। काम हों सबकी भलाई के मेरे हाथों सदा- नेक नगरी का हमेशा नेक बाशिन्दा रहूँ। दिल दुखाऊँ ना किसी का तीखी कड़वी बात से। मैं कभी खेलूँ नहीं मजबूर के जज़्बात से। साथ दूँ मैं हर क़दम सबका, मदद सबकी करूँ- मैं न घबराऊँ कभी बिगड़े हुए हालात से। मैं कभी नीचे न गिर जाऊँ मेरे किरदार से। पेश आऊँ मैं सभी से हर घड़ी बस प्यार से । याद करके लोग मुझसे मत करें निन्दा कभी- अलविदा जब लूँ कभी मैं दुनिया के बाजार से। रिपुदमन झा 'पिनाकी' धनबाद (झारखण्ड) स्वरचित एवं मौलिक ©रिपुदमन झा 'पिनाकी'

#ख्वाहिश

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