कोई जो शायरों से कोई जो शायरों से लफ्ज़ ना ले उधार | हिंदी शायरी
"कोई जो शायरों से कोई जो शायरों से लफ्ज़ ना ले उधार
जिसके पास खुद शब्दों का हो अंबार
कोई जिसे याद ना करना पड़े बार बार
जो खुद ब खुद हो जाए मेरी सोंच में शुमार"
कोई जो शायरों से कोई जो शायरों से लफ्ज़ ना ले उधार
जिसके पास खुद शब्दों का हो अंबार
कोई जिसे याद ना करना पड़े बार बार
जो खुद ब खुद हो जाए मेरी सोंच में शुमार