अरे क्या हुआ , क्यों इतनी चिंता मे हो
हां कुछ अपनों की तबियत थोड़ी खराब है
सब हो जाएंगे जल्द ही ठीक
धीरज रखो , क्यों इतनी चिंता मे हो
करना कुछ ज्यादा नहीं, बस थोड़ा सा परहेज रखो
ना दिल अपने की धड़कन , तुम इतनी तेज रखो
कुछ नहीं होगा किसी अपने को , बस खुद को भी तुम सहेज रखो
करना कुछ ज्यादा नहीं, बस थोड़ा सा परहेज रखो
ये जो काले बादल आये है, वो कुछ पल मे छट जाएंगे
देखना ज़ब 'हम सब मिलकर , इनके आगे डट जायेंगे
बस घबराना 'ना तुम , ना अपनों का तुम साथ छोड़ना
ये जो मुश्किलों के पहाड़ है , खुद-ब-खुद पीछे हट जाएंगे
हां मानता हूं , ये जो वक़्त आया है, हम सब पर भारी है
जिंदगी की थोड़ी कठिन परीक्षा,हम सब के लिए जारी है
रख कुछ संयम और सावधानी हम इसे भी पार कर लेंगे
ये परीक्षा की घड़ी 'ताउम्र की थोड़ी , कुछ वक़्त की सारी है
अरे ये तो अभी 'हमे वक़्त मिला है, अभी से सम्भलने का
वक़्त मुताबिक खुद को बदलो, कुदरत को ना बदलने का
अगर अब भी ना समझे हम, उसके दिए इशारों को
क्या हक़ है हमें 'धरती पर, खुद को इंसान कह कर पलने का
अरे क्या हुआ , क्यों इतनी चिंता मे हो, बस थोड़ा सा परहेज रखो
कुछ नहीं होगा किसी अपने को , बस खुद को भी तुम सहेज रखो
✍️ Pankeet 🔘
©pankeet
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