कहो दोस्त, सब ठीक तो है ना...?
आज कुछ बुझी सी क्यों हो।
तुम तो बडी हिम्मत वाली थीं, किस बात ने तुम्हें
इतना उदास कर दिया है।
आखिर बात क्या है..?
बताओ भी.. शायद मै तुम्हारी कुछ मदद कर पाऊं।
नहीं.. कुछ नहीं,
बस बीते दिनों की खुशबू कहीं बिछड गयी है।
और सब ठीक है।
तुम सुनाओ.. सब ठीक तो है ना?
"शील साहब"