मुसीबत मै हूँ बेशक़ अभी पर मेरे हौसले अभी भी बुलंद | हिंदी शायरी
"मुसीबत मै हूँ बेशक़ अभी
पर मेरे हौसले अभी भी बुलंद हैं,
अफ़सोस हैं उन लोगो पे जो टुटता देखना चाहते हैं मझे,
क्यूंकि उनकी चाहत कबूल होना बहुत मुश्किल हैं...
-साधना जादौन"
मुसीबत मै हूँ बेशक़ अभी
पर मेरे हौसले अभी भी बुलंद हैं,
अफ़सोस हैं उन लोगो पे जो टुटता देखना चाहते हैं मझे,
क्यूंकि उनकी चाहत कबूल होना बहुत मुश्किल हैं...
-साधना जादौन