इस दिल की फ़रमाइशें बहुत हैं,
इस दिल की ख्वाहिशें बहुत हैं ।
चाह तो है इसकी चांद तक जाने की,
फिक्र बिल्कुल भी नहीं करता जमाने की ।
इसे तो रूठने पर मनाना पड़ता है,
डरने पर ताड़ के झाड़ पर चढ़ाना पड़ता है।
हमेशा बुद्दू बना कर रखना है इसे,
कभी खत्म नहीं होती इस दिल की फ़रमाइशें।
©Shashank Singh Kushwaha
दिल की फ़रमाइशें...
#Heart #Love #Life #Hindi #poem #Poetry #SAD #alone