जो चोर और जूठे होते है वो ही सत्यवादी होने की बात | हिंदी कविता

"जो चोर और जूठे होते है वो ही सत्यवादी होने की बात करते है। खानदान हो चोर फिर उनकी औलाद जूठको सच बताए बड़े खानदानी बनते है। इस लिए कहते है चोर मचाए शोर फरेब के नीव पे कहां खड़े मकान रहते है। हमने खोकर पाया अपनी ईमानदारीसे फरेब के बाजार में धोखे खूब मिलते है। ©Brsolanki"

 जो चोर और जूठे होते है 
वो ही सत्यवादी होने की बात करते है।
खानदान हो चोर फिर उनकी औलाद 
जूठको सच बताए बड़े खानदानी बनते है।
इस लिए कहते है चोर मचाए शोर
फरेब के नीव पे कहां खड़े मकान रहते है।
हमने खोकर पाया अपनी ईमानदारीसे
फरेब के बाजार में धोखे खूब मिलते है।

©Brsolanki

जो चोर और जूठे होते है वो ही सत्यवादी होने की बात करते है। खानदान हो चोर फिर उनकी औलाद जूठको सच बताए बड़े खानदानी बनते है। इस लिए कहते है चोर मचाए शोर फरेब के नीव पे कहां खड़े मकान रहते है। हमने खोकर पाया अपनी ईमानदारीसे फरेब के बाजार में धोखे खूब मिलते है। ©Brsolanki

फरेब

People who shared love close

More like this

Trending Topic