जो चोर और जूठे होते है
वो ही सत्यवादी होने की बात करते है।
खानदान हो चोर फिर उनकी औलाद
जूठको सच बताए बड़े खानदानी बनते है।
इस लिए कहते है चोर मचाए शोर
फरेब के नीव पे कहां खड़े मकान रहते है।
हमने खोकर पाया अपनी ईमानदारीसे
फरेब के बाजार में धोखे खूब मिलते है।
©Brsolanki
फरेब