कहीं जल रहे दिए और कहीं दिल जले हुए हैं। कोई शोर | हिंदी शायरी
"कहीं जल रहे दिए और कहीं दिल जले हुए हैं।
कोई शोर है मचाता कहीं लब सिले हुए है ।
चाहा था मैंने जिसको कहीं और जा चुका है।
अभी चल रहा पता के दुशमन मिले हुए हैं ।
🅒🅗🅐🅝🅓🅐🅝 🅐🅦🅐🅢🅣🅗🅘"
कहीं जल रहे दिए और कहीं दिल जले हुए हैं।
कोई शोर है मचाता कहीं लब सिले हुए है ।
चाहा था मैंने जिसको कहीं और जा चुका है।
अभी चल रहा पता के दुशमन मिले हुए हैं ।
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