#वासना
स्त्री तेरे शरीर में छुपा राज़ क्या है,
क्या ढूंढने हवस तुझ तक जाती है,
कौन सम्मोहन विवेक छीनता है,
कौन सी महक दानव बुलाती है,
किस मानुष के मन बलात्कार पनप रहा है,
क्यों शरीफों के दर नहीं जाती है,
वासना पर नियंत्रण जिस का धर्म है,
उस फ़रिश्ते संग क्यों घर न बसाती है,
क्यों रंग, रूप तेरे सौंदर्य का हिस्सा है,
क्यों नहीं नियम सटीक नया बनाती है,
लड़का तेरी कोख का किसी कोख पर चढ़ गया,
कमी परवरिश उसे इस हद गिराती है.?
अच्छा तू इंसाफ इस हद कर दे,
पैदा हो लड़का उसे नःपुंसक कर दे,
न रहेगा बांस न बजेगी बांसुरी,
न कहेगी निर्भया किसी ने न सुनी...✍🏻
#me