White मेरी उदास आँखों का मंजर देखना
पाई है कैसे मंजिल मेरा सफर देखना
मुद्दत बाद दोनों अचानक से क्या मिले
अच्छा लगा तुम्हारा इधर उधर देखना
वादा वही तुम्हारा अब तक है इंतज़ार
आईना में कभी खुद को कभी घर देखना
मोहब्बत में हुए नाकाम के पास यही काम
साहिल पे बैठ कर बस लहर देखना
शख्स की शख्शियत जाननी हो तो
ज़ब मिले तो उसकी नजर देखना
मिलावट है जगह दुनियाँ है कमाल की
मौका मिले तो बारिश में रो के देखना
©प्रशान्त पाण्डेय
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