The Posession
आज अलमारी खोली तोह कपड़ों में दबी तुम्हारी दी हुई काली कमीज़ पर नजर पड़ी देखते ही देखते कुछ यादों पर नजर पड़ी देखते ही देखते उस सुहाने दिन पर नजर पड़ी कैसे वह तोहफा देने की तुम्हारी ज़िद कैसे वह काली कमीज़ में मुझे देखने की तुम्हारी ज़िद क्या दिन थे ना वह जहां तुम तुम थी मैं मैं था हम तुम थे गम कम थे
काफी वक़्त से इसे पहना नहीं शायद झिझक है तुमसे फिर रूबरू ना हो जाऊं कहीं या डर ही कह लो कि कहीं पहन लूं इसे दोबारा तोह वह हिस्सा तुम्हारा इस जिस्म से मेरे ना अटक जाए वोह मुश्क तुम्हारी इस दिल को ना सताए इख्तियार कर रखा है खुद पर कहीं ना कहीं बे इख्तियार भी हूं वैसे तोह यह महज एक कमीज़ हैं कमीज़ जो महफूज़ है मेरे पास हैरत यह है वादे तुमने किए थे निभा यह रही है।