रूह तड़पती है , दीदार के लिए।। जालिम को इल्म क्या, | हिंदी शायरी

"रूह तड़पती है , दीदार के लिए।। जालिम को इल्म क्या, बैठा हूं कफन लिए।। ©Sangam Singh"

 रूह तड़पती है , दीदार के लिए।।
जालिम को इल्म क्या, बैठा हूं कफन लिए।।

©Sangam Singh

रूह तड़पती है , दीदार के लिए।। जालिम को इल्म क्या, बैठा हूं कफन लिए।। ©Sangam Singh

#sangamsingh Aarohi sarvan kumar writer Anshu writer Poetic Mayank Yoby George

People who shared love close

More like this

Trending Topic