बेनाम सा ये दर्द ठहर क्यों नहीं जाता, जो बीत गया व
"बेनाम सा ये दर्द ठहर क्यों नहीं जाता, जो बीत गया वो गुजर क्यों नहीं जाता, वो एक ही चेहरा तो नहीं सारे जहां में-2 जो दूर है वो दिल से उतर क्यों नहीं जाता,!"
बेनाम सा ये दर्द ठहर क्यों नहीं जाता, जो बीत गया वो गुजर क्यों नहीं जाता, वो एक ही चेहरा तो नहीं सारे जहां में-2 जो दूर है वो दिल से उतर क्यों नहीं जाता,!