उम्मीद की किरणों से, मैं हर सुबह नहाती हूं। पूरे द | हिंदी विचार

"उम्मीद की किरणों से, मैं हर सुबह नहाती हूं। पूरे दिन की तपिश से, और मजबूत होती जाती हूं। आती है डराने मुझे, भावनाओं की लहरें लेकिन। सकारात्मक सोंच से, मैं खुद की हम्मत बढ़ाती हूं।। ©Anshu Devi"

 उम्मीद की किरणों से, मैं हर सुबह नहाती हूं।
पूरे दिन की तपिश से, और मजबूत होती जाती हूं।
आती है डराने मुझे, भावनाओं की लहरें लेकिन।
सकारात्मक सोंच से, मैं खुद की हम्मत बढ़ाती हूं।।

©Anshu Devi

उम्मीद की किरणों से, मैं हर सुबह नहाती हूं। पूरे दिन की तपिश से, और मजबूत होती जाती हूं। आती है डराने मुझे, भावनाओं की लहरें लेकिन। सकारात्मक सोंच से, मैं खुद की हम्मत बढ़ाती हूं।। ©Anshu Devi

उम्मीद

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