लफ्ज़ परेशां है, मै दर्द लिखूँ तो कहाँ लिखूँ... म | हिंदी शायरी

"लफ्ज़ परेशां है, मै दर्द लिखूँ तो कहाँ लिखूँ... मेरी कलम ही न रो पड़े,, मै सब्र सब्र जहाँ लिखूँ.!!! ©Kanhaiya Parashar"

 लफ्ज़ परेशां है, मै दर्द लिखूँ तो कहाँ लिखूँ... 
मेरी कलम ही न रो पड़े,, मै सब्र सब्र जहाँ लिखूँ.!!!

©Kanhaiya Parashar

लफ्ज़ परेशां है, मै दर्द लिखूँ तो कहाँ लिखूँ... मेरी कलम ही न रो पड़े,, मै सब्र सब्र जहाँ लिखूँ.!!! ©Kanhaiya Parashar

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