White गुलाबी साड़ी में तुम्हारा यूँ चलना हाय,
जैसे चाँदनी रात में किसी ने इत्र बिखेर दिया हो।
हर कदम पे जैसे फिज़ा ने थम के साँस ली हो,
और हवाओं ने भी अपने रुख बदल लिए हों।
वो तुम्हारी मुस्कान, जैसे सुबह की पहली किरन,
दिल के हर कोने को रोशन कर गई हो।
तुम्हारे कदमों की आहट, जैसे मंदिर की घंटियों की गूंज,
जो हर धड़कन को एक नया सुर दे गई हो।
कभी न देखी ऐसी तस्वीर ख्वाबों में भी,
तुम्हारे साथ होने का अहसास, जैसे रूह को सुकून मिल गया हो।
गुलाबी साड़ी और तुम, एक अनकही दास्तां की तरह,
जिसे पढ़ने का मन करता है बार-बार, हर बार कुछ नया पाने के लिए।
✍ करन मेहरा
©Karan Mehra
#love_shayari