बार बार आईना पोंछा मगर , हर तसवीर धुंधली थी , न जा | हिंदी Shayari

"बार बार आईना पोंछा मगर , हर तसवीर धुंधली थी , न जाने आईने पर औस थी या हमारी आँखें😢 गीली थीं ... 👆 शायद 👆"

 बार बार आईना पोंछा मगर , हर तसवीर धुंधली थी , न जाने आईने पर औस थी या हमारी आँखें😢 गीली थीं ...
 👆 शायद 👆

बार बार आईना पोंछा मगर , हर तसवीर धुंधली थी , न जाने आईने पर औस थी या हमारी आँखें😢 गीली थीं ... 👆 शायद 👆

#ziddi_life #Nojoto

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