नारी तेरे कितने रूप तुझसे पावन जीवन की हर धूप, तू | हिंदी कविता

"नारी तेरे कितने रूप तुझसे पावन जीवन की हर धूप, तू है अन्नपुर्णा, तू है सृजनहार है इस सृष्टि का आधार, तू है दुर्गा और सरस्वती, है शक्ति का स्वरूप साकार, स्नेहिल व्यक्तित्व से सुगंधित महकते रिश्तों का जहान, नारी तू है स्वाभिमान, नारी तू है महान्। ©Sonal Panwar"

 नारी तेरे कितने रूप तुझसे पावन जीवन की हर धूप,
तू है अन्नपुर्णा, तू है सृजनहार है इस सृष्टि का आधार,
तू है दुर्गा और सरस्वती, है शक्ति का स्वरूप साकार,
स्नेहिल व्यक्तित्व से सुगंधित महकते रिश्तों का जहान,
नारी तू है स्वाभिमान, नारी तू है महान्।

©Sonal Panwar

नारी तेरे कितने रूप तुझसे पावन जीवन की हर धूप, तू है अन्नपुर्णा, तू है सृजनहार है इस सृष्टि का आधार, तू है दुर्गा और सरस्वती, है शक्ति का स्वरूप साकार, स्नेहिल व्यक्तित्व से सुगंधित महकते रिश्तों का जहान, नारी तू है स्वाभिमान, नारी तू है महान्। ©Sonal Panwar

नारी शक्ति👍💪Women power✨💫 #womenempowerment #narishakti हिंदी कविता कविताएं प्रेरणादायी कविता हिंदी

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