Jai shree ram आज अक्षय-नवमी के अवसर पर भक्तगण श्री अयोध्या धाम की 14 कोसी परिक्रमा कर रहे हैं.
परिक्रमा का महत्व:-
'यानि कानि च पापानि जन्मांतर कृतानि च।
तानि सर्वाणि नश्यन्तु प्रदक्षिणपदे पदे'।।
- संस्कृत वाङ्मय
अर्थ- पूर्व जन्मों और इस जन्म में किए गए सभी पाप परिक्रमा के साथ-साथ खत्म हो जाएं. साथ ही ईश्वर के सान्निध्य की कामना भी करते रहना चाहिए.
दोहा-
पाप पुंज पग - पग कटैं, गुरु की फेरी डाल।
भजन दीन हो कर करै, निरभय होय निहाल।।
- शिव.
©Shiv Narayan Saxena
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