Jai shree ram आज अक्षय-नवमी के अवसर पर भक्तगण श्री | हिंदी Bhakti

"Jai shree ram आज अक्षय-नवमी के अवसर पर भक्तगण श्री अयोध्या धाम की 14 कोसी परिक्रमा कर रहे हैं. परिक्रमा का महत्व:- 'यानि कानि च पापानि जन्मांतर कृतानि च। तानि सर्वाणि नश्यन्तु प्रदक्षिणपदे पदे'।। - संस्कृत वाङ्मय अर्थ- पूर्व जन्मों और इस जन्म में किए गए सभी पाप परिक्रमा के साथ-साथ खत्म हो जाएं. साथ ही ईश्वर के सान्निध्य की कामना भी करते रहना चाहिए. दोहा- पाप पुंज पग - पग कटैं, गुरु की फेरी डाल। भजन दीन हो कर करै, निरभय होय निहाल।। - शिव. ©Shiv Narayan Saxena"

 Jai shree ram आज अक्षय-नवमी के अवसर पर भक्तगण श्री अयोध्या धाम की 14 कोसी परिक्रमा कर रहे हैं.

परिक्रमा का महत्व:-

'यानि कानि च पापानि जन्मांतर कृतानि च। 
तानि  सर्वाणि  नश्यन्तु  प्रदक्षिणपदे  पदे'।। 
                                          - संस्कृत वाङ्मय 
अर्थ- पूर्व जन्मों और इस जन्म में किए गए सभी पाप परिक्रमा के साथ-साथ खत्म हो जाएं. साथ ही ईश्वर के सान्निध्य की कामना भी करते रहना चाहिए.

दोहा-

पाप पुंज  पग - पग  कटैं, गुरु की फेरी डाल।
भजन दीन हो कर करै, निरभय होय निहाल।।
                                                      - शिव.

©Shiv Narayan Saxena

Jai shree ram आज अक्षय-नवमी के अवसर पर भक्तगण श्री अयोध्या धाम की 14 कोसी परिक्रमा कर रहे हैं. परिक्रमा का महत्व:- 'यानि कानि च पापानि जन्मांतर कृतानि च। तानि सर्वाणि नश्यन्तु प्रदक्षिणपदे पदे'।। - संस्कृत वाङ्मय अर्थ- पूर्व जन्मों और इस जन्म में किए गए सभी पाप परिक्रमा के साथ-साथ खत्म हो जाएं. साथ ही ईश्वर के सान्निध्य की कामना भी करते रहना चाहिए. दोहा- पाप पुंज पग - पग कटैं, गुरु की फेरी डाल। भजन दीन हो कर करै, निरभय होय निहाल।। - शिव. ©Shiv Narayan Saxena

#JaiShreeRam 14 कोसी परिक्रमा bhakti

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