मेरे अंदर जल रही आग को बुझा कोई नहीं सकता, दर्द म

"मेरे अंदर जल रही आग को बुझा कोई नहीं सकता, दर्द मेरा है तो हर कोई समझ नहीं सकता, उनसे कहना अगर वह रोते हैं तो हंसते हम भी नहीं, मेरे आंसू आंख से निकलेंगे लेकिन हर कोई देख नहीं सकता।"

 मेरे अंदर जल रही आग को बुझा कोई नहीं सकता,
 दर्द मेरा है तो हर कोई समझ नहीं सकता,
 उनसे कहना अगर वह रोते हैं तो हंसते हम भी नहीं,
 मेरे आंसू आंख से निकलेंगे लेकिन हर कोई देख नहीं सकता।

मेरे अंदर जल रही आग को बुझा कोई नहीं सकता, दर्द मेरा है तो हर कोई समझ नहीं सकता, उनसे कहना अगर वह रोते हैं तो हंसते हम भी नहीं, मेरे आंसू आंख से निकलेंगे लेकिन हर कोई देख नहीं सकता।

#Dard_Lafzon_bayan_nahi_hote

People who shared love close

More like this

Trending Topic