"मेरे अंदर जल रही आग को बुझा कोई नहीं सकता,
दर्द मेरा है तो हर कोई समझ नहीं सकता,
उनसे कहना अगर वह रोते हैं तो हंसते हम भी नहीं,
मेरे आंसू आंख से निकलेंगे लेकिन हर कोई देख नहीं सकता।"
मेरे अंदर जल रही आग को बुझा कोई नहीं सकता,
दर्द मेरा है तो हर कोई समझ नहीं सकता,
उनसे कहना अगर वह रोते हैं तो हंसते हम भी नहीं,
मेरे आंसू आंख से निकलेंगे लेकिन हर कोई देख नहीं सकता।