छक्के पंजे के चक्कर में, कौड़ियों के भाव बिक न जान | हिंदी शायरी

"छक्के पंजे के चक्कर में, कौड़ियों के भाव बिक न जाना कहीं, बेहतर है कीमत अपनी भारी रखो। हल्के में समझौता नहीं करना, संघर्ष अपना जारी रखो। सुनी-सुनाई बातों पर विश्वास न करें, लोगों से ऐसे अपनी दूरी बनाए रखें। सदियों से चली आ रही है झूठी रवायतें, ऐसी रस्मों को अपने जूते की नोक पर रखें। लोगों को मुंह पर मीठी बात करने की है आदत, सच बोलने से पीछे न हटे, जुबान पर कड़वी दवाई रखें। ©नवनीत ठाकुर"

 छक्के पंजे के चक्कर में,
कौड़ियों के भाव बिक न जाना कहीं,
बेहतर है कीमत अपनी भारी रखो।
हल्के में समझौता नहीं करना,
संघर्ष अपना जारी रखो।

सुनी-सुनाई बातों पर विश्वास न करें,
लोगों से ऐसे अपनी दूरी बनाए रखें।
सदियों से चली आ रही है झूठी रवायतें,
ऐसी रस्मों को अपने जूते की नोक पर रखें।
लोगों को मुंह पर मीठी बात करने की है आदत,
सच बोलने से पीछे न हटे, जुबान पर कड़वी दवाई रखें।

©नवनीत ठाकुर

छक्के पंजे के चक्कर में, कौड़ियों के भाव बिक न जाना कहीं, बेहतर है कीमत अपनी भारी रखो। हल्के में समझौता नहीं करना, संघर्ष अपना जारी रखो। सुनी-सुनाई बातों पर विश्वास न करें, लोगों से ऐसे अपनी दूरी बनाए रखें। सदियों से चली आ रही है झूठी रवायतें, ऐसी रस्मों को अपने जूते की नोक पर रखें। लोगों को मुंह पर मीठी बात करने की है आदत, सच बोलने से पीछे न हटे, जुबान पर कड़वी दवाई रखें। ©नवनीत ठाकुर

#लड़ाई अपनी जारी रखें

People who shared love close

More like this

Trending Topic