#मुंशीप्रेमचंद बंद दरवाज़ा मुंशी प्रेमचंद की कहान | हिंदी Video

#मुंशीप्रेमचंद
बंद दरवाज़ा मुंशी प्रेमचंद की कहानी 

सूरज क्षितिज की गोद से निकला, बच्चा पालने से—वही स्निग्धता, वही लाली, वही खुमार, वही रोशनी।

मैं बरामदे में बैठा था। बच्चे ने दरवाजे से झांका। मैंने मुस्कराकर पुकारा। वह मेरी गोद में आकर बैठ गया।

उसकी शरारतें शुरू हो गईं। कभी कलम पर हाथ बढ़ाया, कभी कागज पर। मैंने गोद से उतार दिया। वह मेज का पाया पकड़े खड़ा रहा। घर में न गया। दरवाजा खुला हुआ था।

People who shared love close

More like this

Trending Topic