मैं तुम्हारा अक्सर रहुगा
पर तुम मेरी रह पाओगी क्या,
मैं तुम्हारे लिए अपनों से लड़ूंगा
पर क्या तुम लड़ पाओगी क्या,,
मैं तुम्हारे लिए अपनों से लड़ूंगा
पर तुम लड़ पाओगी क्या,,,
रिस्ते बोझ लगने लगे है तुमको
क्या जुदा रह कर खुश रह पाओगी क्या,,,,
विश्वास की बात तुम मूझसे करती हो
क्या खुद कभी मेरे कर पाओगी क्या,,,,,,
ak_ansha7182"
©ak_ansha7182
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