#OpenPoetry हेल्लो पापा.... पापा आप आज कहा हो मालू

"#OpenPoetry हेल्लो पापा.... पापा आप आज कहा हो मालूम नहीं, बचपन में जब में मां से पूछा करती थीं कि मेरे पापा कहां हैं तो वो बोलती थी कि आप भगवान के पास हो और में बड़ी होने के बाद आओगे । हर जन्मदिन पे आपकी याद बोहत आती थी और मां से छगड़ा करती थी, सोचती थी की जब आप मिलोगे तो आपसे बात ही नहीं करूंगी। स्कूल में जब बाकी ओ के पापा आते थे तो मुझे भी लगता था कि आप भी मां के साथ आओ, पर अब में मां से आपके ना आने पर गुस्सा नहीं होती थी, क्यू की में अब उनकी आंखे देख कर पहचान जाती थी कि जितनी तकलीफ मुझे होती हैं उससे कहीं ज्यादा उन्हें होती होगी । आज में २० साल की हो गई हूं, और आपको शहीद होने को भी २० साल हो गए। पर आज गर्व होता हैं कि आपकी बेटी होने पर, जब हर कोई आपके किस्से बताता हैं । इस जन्मदिन पर मैंने भी सोच लिया है कि scientist बनकर आपकी तरह देश की सेवा करूंगी । चलो चलती हूं आज केक cut करना है और हा अब मां की चिंता मत करिए में उन्हें अच्छे से स संभाल लूंगी । आपकी लाड़ली ( कारगिल शहीद की बेटी)"

 #OpenPoetry हेल्लो पापा....
पापा आप आज कहा हो मालूम नहीं,
बचपन में जब में मां से पूछा करती थीं कि
 मेरे पापा कहां हैं तो वो बोलती थी कि आप 
भगवान के पास हो और में बड़ी होने के बाद आओगे ।

हर जन्मदिन पे आपकी याद बोहत आती 
थी और मां से छगड़ा करती थी,
सोचती थी की जब आप मिलोगे तो 
आपसे बात ही नहीं करूंगी।

स्कूल  में जब बाकी ओ के पापा आते थे तो
मुझे भी लगता था कि आप भी मां के साथ आओ,
पर अब में मां से आपके ना आने पर गुस्सा नहीं होती थी, 
क्यू की में अब उनकी आंखे देख कर पहचान 
जाती थी कि जितनी तकलीफ मुझे होती हैं
 उससे कहीं ज्यादा उन्हें होती होगी ।

आज में २० साल की हो गई हूं, 
और आपको शहीद होने को भी २० साल हो गए। 
पर आज गर्व होता हैं कि आपकी बेटी होने पर, 
जब हर कोई आपके किस्से बताता हैं ।

इस जन्मदिन पर मैंने भी सोच लिया है 
कि scientist बनकर आपकी तरह देश की सेवा करूंगी ।

चलो चलती हूं आज केक cut करना है और 
हा अब मां की चिंता मत करिए में उन्हें अच्छे से स संभाल लूंगी ।

  आपकी लाड़ली
( कारगिल शहीद की बेटी)

#OpenPoetry हेल्लो पापा.... पापा आप आज कहा हो मालूम नहीं, बचपन में जब में मां से पूछा करती थीं कि मेरे पापा कहां हैं तो वो बोलती थी कि आप भगवान के पास हो और में बड़ी होने के बाद आओगे । हर जन्मदिन पे आपकी याद बोहत आती थी और मां से छगड़ा करती थी, सोचती थी की जब आप मिलोगे तो आपसे बात ही नहीं करूंगी। स्कूल में जब बाकी ओ के पापा आते थे तो मुझे भी लगता था कि आप भी मां के साथ आओ, पर अब में मां से आपके ना आने पर गुस्सा नहीं होती थी, क्यू की में अब उनकी आंखे देख कर पहचान जाती थी कि जितनी तकलीफ मुझे होती हैं उससे कहीं ज्यादा उन्हें होती होगी । आज में २० साल की हो गई हूं, और आपको शहीद होने को भी २० साल हो गए। पर आज गर्व होता हैं कि आपकी बेटी होने पर, जब हर कोई आपके किस्से बताता हैं । इस जन्मदिन पर मैंने भी सोच लिया है कि scientist बनकर आपकी तरह देश की सेवा करूंगी । चलो चलती हूं आज केक cut करना है और हा अब मां की चिंता मत करिए में उन्हें अच्छे से स संभाल लूंगी । आपकी लाड़ली ( कारगिल शहीद की बेटी)

#OpenPoetry #कारगिल

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