मधुर-मधुर, मुस्कान तुम्हारी,
अंखियों की है, सारी कारस्तानी,
होंठ तुम्हारे, शहद से मीठे-मीठे,
होश उड़ा देती है, सुर्ख गालों की लाली,
मध्यम-मध्यम, चाल तुम्हारी,
लचक कमर की है, सब पर भारी,
तन की काया, चंचल-निर्मल,
मन की चाहूँ तेरे, मैं हिस्सेदारी,
सहर-सहर, करूँ याद तुम्हारी,
तड़प-तड़प, बीते ये दोपहरी,
अगर पूरा हो जाए, सपना-अपना,
हर रात हो फिर मेरी, तुझसे निराली....
#Nostalgia
#My_inspirational_voice
#मधुर-मधुर, मुस्कान तुम्हारी,
अंखियों की है, सारी कारस्तानी,
होंठ तुम्हारे, शहद से मीठे-मीठे,
होश उड़ा देती है, सुर्ख गालों की लाली,
मध्यम-मध्यम, चाल तुम्हारी,