मै बेटी हू मुझे सम्मान तो दो मै उड़ना चाहती हूं , | हिंदी कविता

"मै बेटी हू मुझे सम्मान तो दो मै उड़ना चाहती हूं , मेरी बेड़ियां काट तो दो यूं ना काटो मेरे पंख को, इन समाजिक तलवारों से यूं बांधो मुझको इन दकियानूसी विचारधारो से मै बेटी हूं मुझे सम्मान तो दो मै उड़ना चाहती हूं , मेरी बेड़ियां काट तो दो ना तोलो मुझको यू किसी समानो से ना घुरू मुझको , यूं खड़े हो कर गलियारों से नज़रे है तुम्हारी इन नजरो को थोड़ा थाम तो लो मै बेटी हू मुझे सम्मान तो दो मै बेटी हू मुझे सम्मान तो दो _ एक बेटी _अल्फ़ाज़ ऐ दिल"

 मै बेटी हू मुझे सम्मान तो दो 
मै उड़ना चाहती हूं ,  मेरी बेड़ियां काट तो दो 
यूं ना  काटो मेरे पंख को, इन समाजिक  तलवारों से 
यूं बांधो मुझको इन दकियानूसी   विचारधारो से  
मै बेटी हूं मुझे सम्मान तो दो 
मै उड़ना चाहती हूं ,  मेरी बेड़ियां काट तो दो 
ना तोलो मुझको यू किसी समानो से
ना घुरू  मुझको , यूं खड़े हो कर गलियारों से 
 नज़रे है तुम्हारी इन  नजरो को थोड़ा थाम तो लो
मै बेटी हू मुझे सम्मान तो दो  
मै बेटी हू मुझे सम्मान तो दो  
                                     _ एक बेटी
         _अल्फ़ाज़ ऐ दिल

मै बेटी हू मुझे सम्मान तो दो मै उड़ना चाहती हूं , मेरी बेड़ियां काट तो दो यूं ना काटो मेरे पंख को, इन समाजिक तलवारों से यूं बांधो मुझको इन दकियानूसी विचारधारो से मै बेटी हूं मुझे सम्मान तो दो मै उड़ना चाहती हूं , मेरी बेड़ियां काट तो दो ना तोलो मुझको यू किसी समानो से ना घुरू मुझको , यूं खड़े हो कर गलियारों से नज़रे है तुम्हारी इन नजरो को थोड़ा थाम तो लो मै बेटी हू मुझे सम्मान तो दो मै बेटी हू मुझे सम्मान तो दो _ एक बेटी _अल्फ़ाज़ ऐ दिल

ek beti
Respect Girls
मै बेटी हू मुझे सम्मान तो दो
मै उड़ना चाहती हूं , मेरी बेड़ियां काट तो दो
यूं ना काटो मेरे पंख को, इन समाजिक तलवारों से
यूं बांधो मुझको इन दकियानूसी विचारधारो से
मै बेटी हूं मुझे सम्मान तो दो
मै उड़ना चाहती हूं , मेरी बेड़ियां काट तो दो

People who shared love close

More like this

Trending Topic