मैं खुद से लड़ जाऊं, में खुद से ही सब कुछ कर जाऊं ।
मैं आग हूं मैं पानी हूं, मैं खुद ही जल कर खुद ही बुझ जाऊं ।
मैं शांत हूं मैं शोर हूं, मैं दुनियां से अलग हूं।
मैं क्रांति हूं मैं दुनियां मैं बदलाव हूं , मैं नए आयाम का नया रूप हूं।
मैं शांत हूं मैं शालीन हूं, मैं कुछ नया करने को आतुर हूं।
मैं रात के बाद का नया सवेरा हूं, मैं धूप हूं मैं मैं जलती बुझती हूं ।
मैं खुद से अलग हूं, मैं आज की सोच का नया स्वरूप हूं ।
मैं आरंभ हूं मैं अंत हूं ,मैं नई सोच का विध्वंस हूं।
©short sweet
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