मै एक औरत से पहले इंसान हूँ, मै खुदकी पहचान हूँ मै | हिंदी Shayari

"मै एक औरत से पहले इंसान हूँ, मै खुदकी पहचान हूँ मै वो चेहरा हूँ जो सबके ख्याल में आता है किसी के ख्याल में बुरा और किसी के में अच्छा आता है मै स्वावलंबी हूँ, मै आत्मनिर्भर हूँ, में आत्मसम्मान से जीवित हूँ मै घर की, बाहर की जिम्मेदारी हूँ, मै स्त्री हूँ, आग हूँ, बर्फ़ हूँ, जो जैसा है उसके लिए में वैसी हूँ। नेहा... ©Neha Gupta"

 मै एक औरत से पहले इंसान हूँ,
मै खुदकी पहचान हूँ
मै वो चेहरा हूँ जो सबके ख्याल में आता है
किसी के ख्याल में बुरा और किसी के में अच्छा आता है
मै स्वावलंबी हूँ, मै आत्मनिर्भर हूँ,
में आत्मसम्मान से जीवित हूँ
मै घर की, बाहर की जिम्मेदारी हूँ,
मै स्त्री हूँ, आग हूँ, बर्फ़ हूँ, 
जो जैसा है उसके लिए में वैसी हूँ।

नेहा...

©Neha Gupta

मै एक औरत से पहले इंसान हूँ, मै खुदकी पहचान हूँ मै वो चेहरा हूँ जो सबके ख्याल में आता है किसी के ख्याल में बुरा और किसी के में अच्छा आता है मै स्वावलंबी हूँ, मै आत्मनिर्भर हूँ, में आत्मसम्मान से जीवित हूँ मै घर की, बाहर की जिम्मेदारी हूँ, मै स्त्री हूँ, आग हूँ, बर्फ़ हूँ, जो जैसा है उसके लिए में वैसी हूँ। नेहा... ©Neha Gupta

#womensday

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