इश्क में डूबना पड़े तो डूब जाएंगे।
दरियाए इश्क में डूब गए तो मंजिल को पाएंगे।
तुम न मिले तो हरगिज खुद अपनी मिटा देंगे हस्ती।
इस जिन्दगी में न मिलें तो रुह बनके एक दिन करीब आएंगे।
शायरः-शैलेन्द्र सिंह यादव
शैलेन्द्र सिंह यादव इश्क में डूबना पड़ै तो डूब जाएंगे।