जन्मल्याने येथे विटाळ होतो, मुडद्यांचे किती तु सुतक पाळशिल.. -अनिकेत केसरे #मराठीकिसी को घर से निकलते ही मिल गई मंज़िल; कोई हमारी त. किसी को घर से निकलते ही मिल गई मंज़िल; कोई हमारी तरह उमà¥à¤° भर सफ़र में रहा। #सफ़र@@#nojoto Quotes, Shayari, Story, Poem, Jokes, Memes On Nojoto