"मेरे प्रिय दोस्तों, मै पिछले कुछ दिनों से बहुत हैरान और परेशान हूँ और मेरी परेशानी के वो ही कुछ कारण है जिनसे आप सब भी अवगत होंगे, जैसे की आप सब जानते ही है की भारत में हम सभी बोलने की पूरी आज़ादी है लेकिन कुछ लोग शोसल मिडिया के द्वारा PM MODI के लिए कैसे अभद्र शब्दों का इतनी आज़ादी से प्रयोग कर रहे है और वो ये सोच रहे है की ये सब करके वो भारत के लोगों कि नजरों में हीरो बन जायेंगे लेकिन ऐसा कुछ नही है हम सभी को मिल के उनके कानों तक ये बात पहुॅचानी होगी की भारत कि आधि से जादा जनता ने मोदी सरकार को बहुत सोच समझ के चुना है और वो सब मोदी सरकार की नही बल्कि उन करोड़ो लोगों को ठेस पहुंचा रहें है उन्हे महारे द्वारा चुने गये पर्तिनिधि को अपशब्द बोलने का कोई हक नही है उनके या हम सबके पास सिर्फ एक ही हक है जो हक हमें 5 साल में एक बार मिलता है जनता अपने द्वारा चुने गये प्रति निधी को जैसे एक बटन दबाने मात्र से राजा या रंक दोनों मे से एक बना सकती है और यही होता है जनहित, मेरा इन सभी बातों को बोलने का एक ही माध्यम है और वो है 3 कृषि कानून जिनके लिए कुछ किसानो के नेता महिनो से दिल्ली से सती सीमाओ ं पे विराजमान है चलिए एक नज़र इन तीन कानूनों पर भी डाल लेते है और देखते है कि क्या इन कानूनों कि वजह से सिर्फ किसानों के जो ठेकेदार है घाटा है या एक असली किसान का भि इनसे कोई घाटा है, तीन अध्यादेशों का उद् समझौते और अनुबंध के अनुसार किसान की जमीन पूंजीपतियों के हाथ में होगी (सच नहीं) बिल बिना किसी सुरक्षा के किसान विरोधी हैं (सच नहीं) अब मंडियां खत्म हो जाएंगी क्योंकि किसान अब कहीं भी, किसी को भी बेच सकते हैं और छोटे किसानों का बाजार खत्म हो जाएगा. (सच नहीं) बिल किसानों के लिए न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) के सुरक्षा जाल को खत्म करने की साजिश है। (सच नहीं) बड़ी कंपनियां ठेके के नाम पर छोटे किसानों का शोषण करेंगी। (सच नहीं) इससे छोटे किसानों को बड़ा नुकसान होगा और बड़ी कंपनियों को फायदा होगा। (सच नहीं) # कृषि विधेयक के तथ्य और लाभ जानें बिल स्पष्ट रूप से किसान की जमीन की बिक्री, पट्टे या गिरवी पर रोक लगाता है। समझौता फसलों के लिए होगा जमीन के लिए नहीं। ये बिल किसानों के लिए बेहतर राह बनाएंगे। किसान अब अपनी फसल किसी को भी, कहीं भी बेच सकते हैं और बड़ी कंपनियों के साथ जुड़कर अधिक मुनाफा कमा सकते हैं यह मंडियों का अंत नहीं है, बाजार व्यवस्था पहले की तरह जारी रहेगी। बिल न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) को प्रभावित नहीं करने वाले हैं। एमएसपी सिस्टम पहले की तरह जारी रहेगा। अनुबंध समझौता किसानों को निश्चित मूल्य प्राप्त करने की गारंटी देगा। किसान बिना किसी जुर्माने के किसी भी समय अनुबंध से हट सकता है। यह किसानों के लिए नुकसान नहीं है, अब छोटे किसानों को गारंटीकृत मुनाफे के साथ प्रौद्योगिकी और उपकरणों से लाभ प्राप्त करने का समय है। तोह भाइयों ये तो रही मोदी जी के पक्ष में बातें अब कुछ ऐसी बातें करी जाए जी हमारे पक्ष की हों, एक आम इंसान होने के नाते हमें यही लगता है की जो भी कदम राज्य सरकार या केंद्र सरकार जनता के लिए उठायेगी वो उन सबका फायेदा हमें जरूर होगा लेकिन ऐसा होगा ये जरूरी नही है लेकिन ये सिर्फ मेरा मानना है क्योंकि mai आपको एक उदाहरण देता हूँ आप खुद ही समझ जायेंगे जैसे की आपके सामने दस सीदियाँ है और आप खड़े है सबसे नीचे और प्रधान मंत्री जी बैठे हैं सबसे उपर और वहाँ बैठे बैठे उन्होंने आपके लिए एक रोटी भेजी अपने चुनावी वादे के अनुसार 1 रोटी उन्होंने 9 नंबर सीडी के हवाले करदी जो है मिनिस्ट्री और मिनिस्ट्री ने ऑर्डर किया लोकल मेंबर ऑफ़ पार्लिमेंट् को जो है नंबर 8 बस यहाँ से नंबर एक तक जितने भी बैठे है उस एक रोटी में से जो हमारे हिस्से की है वो जैसे जैसे सीढियाँ कम होगी वैसे वैसे एक एक गासा रोटी में से हो जायेगा लास्ट में हमारे पास रोटी तो पहुुंचेगी लेकिन पूरी नही सिर्फ एक गासा बाकी सब बिचवाले खा जाते है जैसे PM ने पब्लिक फंड्स में 100000 लाख करोड़ भेजे लेकिन उनको पब्लिक के लिए कहाँ कितना कैसे खर्च किया ये कि से पता है कैसे लालू जी और उनके प्यारे मिनिष्ट्स ने मिल झूल के 10000 करोड़ का फंड जो पशु पालन के लिए होता है उसे उन्होंने बहुत ही सफाई से खाने की सोची और खाया भी लेकिन बदकिस्मती से पकड़े गये और ये तो वो हैं जो पकड़े गए लेकिन कई जगह तो आज भी ऐसा हो रहा है लेकिन बहुत ही सफ़ाई के साथ और नये नये तरीको के साथ तो अब पकड़ना थोड़ा मुश्किल है मैं या आप ऐसा बिल्कुल नही सोच रहे है की मोदी जी गलत हैं ऐसा नही है लेकिन सिर्फ एक इंसान के अच्छे होने से पूरी भारतीय जनता पार्टी अच्छी हो जायेगी ये भी तो मुमकिन नही है ना लेकिन अगर हम सब मिलके जो भी कमियाँ हमे सरकारी सिस्टम में दिखें उनके खिलाफ आवाज तो उठाई जा सकती है और ये तोह तभी मुमकिन है जब हम सब एक आवाज में बोले इसके लिए जादा कुछ नही करना है बस आप सभी लोग जो मेरी बातों में थोड़ी सी भी रुचि रखते है वो मेरे एक इंडिया मे मेरा साथ दे अब ये होगा कैसे मै आपको आसान शब्दों में समझाता हूँ हमें सिर्फ इतना करना है की मेरे द्वारा बनाए गए इस चैंनल को इतना फेमस है कि मोदी जी तक तो बात पहुुंचेगी ही पहुुंचेगी लेकिन हमें पूरी दुनिया के आम लोगों तक ये बात पहुंचानी है ता क ि पूरी दुनिया को ये पता लगे की भारत की जनता अपने हितों के लिए किसी भी हद तक जा सकती है ©Hansraj Bhadana"
मेरे प्रिय दोस्तों, मै पिछले कुछ दिनों से बहुत हैरान और परेशान हूँ और मेरी परेशानी के वो ही कुछ कारण है जिनसे आप सब भी अवगत होंगे, जैसे की आप सब जानते ही है की भारत में हम सभी बोलने की पूरी आज़ादी है लेकिन कुछ लोग शोसल मिडिया के द्वारा PM MODI के लिए कैसे अभद्र शब्दों का इतनी आज़ादी से प्रयोग कर रहे है और वो ये सोच रहे है की ये सब करके वो भारत के लोगों कि नजरों में हीरो बन जायेंगे लेकिन ऐसा कुछ नही है हम सभी को मिल के उनके कानों तक ये बात पहुॅचानी होगी की भारत कि आधि से जादा जनता ने मोदी सरकार को बहुत सोच समझ के चुना है और वो सब मोदी सरकार की नही बल्कि उन करोड़ो लोगों को ठेस पहुंचा रहें है उन्हे महारे द्वारा चुने गये पर्तिनिधि को अपशब्द बोलने का कोई हक नही है उनके या हम सबके पास सिर्फ एक ही हक है जो हक हमें 5 साल में एक बार मिलता है जनता अपने द्वारा चुने गये प्रति निधी को जैसे एक बटन दबाने मात्र से राजा या रंक दोनों मे से एक बना सकती है और यही होता है जनहित, मेरा इन सभी बातों को बोलने का एक ही माध्यम है और वो है 3 कृषि कानून जिनके लिए कुछ किसानो के नेता महिनो से दिल्ली से सती सीमाओ ं पे विराजमान है चलिए एक नज़र इन तीन कानूनों पर भी डाल लेते है और देखते है कि क्या इन कानूनों कि वजह से सिर्फ किसानों के जो ठेकेदार है घाटा है या एक असली किसान का भि इनसे कोई घाटा है, तीन अध्यादेशों का उद् समझौते और अनुबंध के अनुसार किसान की जमीन पूंजीपतियों के हाथ में होगी (सच नहीं) बिल बिना किसी सुरक्षा के किसान विरोधी हैं (सच नहीं) अब मंडियां खत्म हो जाएंगी क्योंकि किसान अब कहीं भी, किसी को भी बेच सकते हैं और छोटे किसानों का बाजार खत्म हो जाएगा. (सच नहीं) बिल किसानों के लिए न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) के सुरक्षा जाल को खत्म करने की साजिश है। (सच नहीं) बड़ी कंपनियां ठेके के नाम पर छोटे किसानों का शोषण करेंगी। (सच नहीं) इससे छोटे किसानों को बड़ा नुकसान होगा और बड़ी कंपनियों को फायदा होगा। (सच नहीं) # कृषि विधेयक के तथ्य और लाभ जानें बिल स्पष्ट रूप से किसान की जमीन की बिक्री, पट्टे या गिरवी पर रोक लगाता है। समझौता फसलों के लिए होगा जमीन के लिए नहीं। ये बिल किसानों के लिए बेहतर राह बनाएंगे। किसान अब अपनी फसल किसी को भी, कहीं भी बेच सकते हैं और बड़ी कंपनियों के साथ जुड़कर अधिक मुनाफा कमा सकते हैं यह मंडियों का अंत नहीं है, बाजार व्यवस्था पहले की तरह जारी रहेगी। बिल न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) को प्रभावित नहीं करने वाले हैं। एमएसपी सिस्टम पहले की तरह जारी रहेगा। अनुबंध समझौता किसानों को निश्चित मूल्य प्राप्त करने की गारंटी देगा। किसान बिना किसी जुर्माने के किसी भी समय अनुबंध से हट सकता है। यह किसानों के लिए नुकसान नहीं है, अब छोटे किसानों को गारंटीकृत मुनाफे के साथ प्रौद्योगिकी और उपकरणों से लाभ प्राप्त करने का समय है। तोह भाइयों ये तो रही मोदी जी के पक्ष में बातें अब कुछ ऐसी बातें करी जाए जी हमारे पक्ष की हों, एक आम इंसान होने के नाते हमें यही लगता है की जो भी कदम राज्य सरकार या केंद्र सरकार जनता के लिए उठायेगी वो उन सबका फायेदा हमें जरूर होगा लेकिन ऐसा होगा ये जरूरी नही है लेकिन ये सिर्फ मेरा मानना है क्योंकि mai आपको एक उदाहरण देता हूँ आप खुद ही समझ जायेंगे जैसे की आपके सामने दस सीदियाँ है और आप खड़े है सबसे नीचे और प्रधान मंत्री जी बैठे हैं सबसे उपर और वहाँ बैठे बैठे उन्होंने आपके लिए एक रोटी भेजी अपने चुनावी वादे के अनुसार 1 रोटी उन्होंने 9 नंबर सीडी के हवाले करदी जो है मिनिस्ट्री और मिनिस्ट्री ने ऑर्डर किया लोकल मेंबर ऑफ़ पार्लिमेंट् को जो है नंबर 8 बस यहाँ से नंबर एक तक जितने भी बैठे है उस एक रोटी में से जो हमारे हिस्से की है वो जैसे जैसे सीढियाँ कम होगी वैसे वैसे एक एक गासा रोटी में से हो जायेगा लास्ट में हमारे पास रोटी तो पहुुंचेगी लेकिन पूरी नही सिर्फ एक गासा बाकी सब बिचवाले खा जाते है जैसे PM ने पब्लिक फंड्स में 100000 लाख करोड़ भेजे लेकिन उनको पब्लिक के लिए कहाँ कितना कैसे खर्च किया ये कि से पता है कैसे लालू जी और उनके प्यारे मिनिष्ट्स ने मिल झूल के 10000 करोड़ का फंड जो पशु पालन के लिए होता है उसे उन्होंने बहुत ही सफाई से खाने की सोची और खाया भी लेकिन बदकिस्मती से पकड़े गये और ये तो वो हैं जो पकड़े गए लेकिन कई जगह तो आज भी ऐसा हो रहा है लेकिन बहुत ही सफ़ाई के साथ और नये नये तरीको के साथ तो अब पकड़ना थोड़ा मुश्किल है मैं या आप ऐसा बिल्कुल नही सोच रहे है की मोदी जी गलत हैं ऐसा नही है लेकिन सिर्फ एक इंसान के अच्छे होने से पूरी भारतीय जनता पार्टी अच्छी हो जायेगी ये भी तो मुमकिन नही है ना लेकिन अगर हम सब मिलके जो भी कमियाँ हमे सरकारी सिस्टम में दिखें उनके खिलाफ आवाज तो उठाई जा सकती है और ये तोह तभी मुमकिन है जब हम सब एक आवाज में बोले इसके लिए जादा कुछ नही करना है बस आप सभी लोग जो मेरी बातों में थोड़ी सी भी रुचि रखते है वो मेरे एक इंडिया मे मेरा साथ दे अब ये होगा कैसे मै आपको आसान शब्दों में समझाता हूँ हमें सिर्फ इतना करना है की मेरे द्वारा बनाए गए इस चैंनल को इतना फेमस है कि मोदी जी तक तो बात पहुुंचेगी ही पहुुंचेगी लेकिन हमें पूरी दुनिया के आम लोगों तक ये बात पहुंचानी है ता क ि पूरी दुनिया को ये पता लगे की भारत की जनता अपने हितों के लिए किसी भी हद तक जा सकती है ©Hansraj Bhadana
Man ki baat
#WorldAsteroidDay
Will restore all stories present before deactivation.
It may take sometime to restore your stories.