White शहर में थे लाखों मगर, हम बस उन्ही पर मर गए, | हिंदी शायरी

"White शहर में थे लाखों मगर, हम बस उन्ही पर मर गए, हमने छोड़ दी दुनिया उनके लिए, और वो जनाब किसी और के हो गए। वादा था राह ए मोहब्बत पर चलने का, हमको बीच सफ़र में छोड़, जनाब हमसफर किसी और के हो गए। हमारे तो ख्वाबों में वो बसते है, जब खोली आंखे एक सुबह, जनाब हकीकत में किसी और के हो गए। अजनबी सा रिश्ता था, मिले भी थे अजनबी राहों में, मोहब्बत का सिलसिला चोरी से शुरू हुआ, जनाब सरेआम किसी और के हो गए। उनकी यादों में इतना जले रात दिन, जैसे जलता है परवाना शमा के लिए, जनाब यूं होके बेखबर किसी और के हो गए। ©Sakshi Shankhdhar"

 White शहर में थे लाखों मगर,
हम बस उन्ही पर मर गए,
हमने छोड़ दी दुनिया उनके लिए,
और वो जनाब किसी और के हो गए।

वादा था राह ए मोहब्बत पर चलने का,
हमको बीच सफ़र में छोड़,
जनाब हमसफर किसी और के हो गए।

हमारे तो ख्वाबों में वो बसते है,
जब खोली आंखे एक सुबह,
जनाब हकीकत में किसी और के हो गए।

अजनबी सा रिश्ता था, मिले भी थे अजनबी राहों में,
मोहब्बत का सिलसिला चोरी से शुरू हुआ,
जनाब सरेआम किसी और के हो गए।

उनकी यादों में इतना जले रात दिन,
जैसे जलता है परवाना शमा के लिए,
जनाब यूं होके बेखबर किसी और के हो गए।

©Sakshi Shankhdhar

White शहर में थे लाखों मगर, हम बस उन्ही पर मर गए, हमने छोड़ दी दुनिया उनके लिए, और वो जनाब किसी और के हो गए। वादा था राह ए मोहब्बत पर चलने का, हमको बीच सफ़र में छोड़, जनाब हमसफर किसी और के हो गए। हमारे तो ख्वाबों में वो बसते है, जब खोली आंखे एक सुबह, जनाब हकीकत में किसी और के हो गए। अजनबी सा रिश्ता था, मिले भी थे अजनबी राहों में, मोहब्बत का सिलसिला चोरी से शुरू हुआ, जनाब सरेआम किसी और के हो गए। उनकी यादों में इतना जले रात दिन, जैसे जलता है परवाना शमा के लिए, जनाब यूं होके बेखबर किसी और के हो गए। ©Sakshi Shankhdhar

#Thinking

People who shared love close

More like this

Trending Topic