White स्त्री आग हैं उसे काबू प्रेम से किया जा सकता हैं।।
वैदिक काल से सर्वस्थनीय सम्मान की पात्र रही हैं।।
जिसके सामने स्वयं ब्रह्मांड का निर्माता नतमस्तक हैं,,
उसे तुम काबू करना चाहते हो।।
ये कोमल तपिश के साथ नरम गरम होती रही हैं सदैव से।।
अगर तुम आग का अपमान करोगे जिससे घर की रोटी बनती हैं।।
फिर..
स्वयं परम जगतपालनहार क्षीरसागर में वास करने वाला भी तुम्हे सुख की अनुभूति नही करा पायेगा।।
क्योंकि वो स्वयं उस कंचन काया की सुनते, उसकी हर हठ को सहज मन से स्वीकार करते हैं।।
तो आप क्या हैं स्त्री के सामने उस मरण संसार के तुच्छ प्राणी।।।
क्योंकि केवल स्त्री की हठी कोमलता में ही
भगवान को बुलाने उनके फैसले बदलने
और इस दुनिया ध्वस्त करने की अपार क्षमता हैं।।
🙏शक्ति🙏
©Kajal The Poetry Writer
#sad_shayari