ये फूल मुझे कोई विरासत में मिले हैं तुम ने मिरा क | हिंदी शायरी

"ये फूल मुझे कोई विरासत में मिले हैं तुम ने मिरा काँटों भरा बिस्तर नहीं देखा यारों की मोहब्बत का यक़ीं कर लिया मैं ने फूलों में छुपाया हुआ ख़ंजर नहीं देखा महबूब का घर हो कि बुज़ुर्गों की जमीनें जो छोड़ दिया फिर उसे मुड़ कर नहीं देखा ©Gulshan Kumar"

 ये फूल मुझे कोई विरासत में मिले हैं 
तुम ने मिरा काँटों भरा बिस्तर नहीं देखा 

यारों की मोहब्बत का यक़ीं कर लिया मैं ने 
फूलों में छुपाया हुआ ख़ंजर नहीं देखा 

महबूब का घर हो कि बुज़ुर्गों की जमीनें 
जो छोड़ दिया फिर उसे मुड़ कर नहीं देखा

©Gulshan Kumar

ये फूल मुझे कोई विरासत में मिले हैं तुम ने मिरा काँटों भरा बिस्तर नहीं देखा यारों की मोहब्बत का यक़ीं कर लिया मैं ने फूलों में छुपाया हुआ ख़ंजर नहीं देखा महबूब का घर हो कि बुज़ुर्गों की जमीनें जो छोड़ दिया फिर उसे मुड़ कर नहीं देखा ©Gulshan Kumar

#happypromiseday

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