आंच नहीं आने देंगे देश की परंपरा पे,
गंगा और यमुना का पानी नहीं भूलेंगे।
भूलेंगे नहीं कभी भी बंदा वैरागी और
उधम के शौर्य की कहानी नहीं भूलेंगे।
बात भूलने की बार बार आप करें किंतु,
हम देश भक्तों की निशानी नहीं भूलेंगे।
भूल जाएं भले हम सारी कुर्बानियों को,
पन्ना धाय माँ की कुर्बानी नहीं भूलेंगे।
विनय अक्षत
छंद