हां मैं रावण हूँ अहंकार से भरा हुआ अपनो के हाथों | हिंदी Poetry

"हां मैं रावण हूँ अहंकार से भरा हुआ अपनो के हाथों छला हुआ सोने के लंके में बैठा हूँ मैं एक दानव हूँ हां हां मैं रावण हूँ । ©harshit tyagi"

 हां मैं रावण हूँ अहंकार से भरा हुआ 
अपनो के हाथों छला हुआ 
सोने के लंके में बैठा हूँ
मैं एक दानव हूँ हां हां मैं रावण हूँ ।

©harshit tyagi

हां मैं रावण हूँ अहंकार से भरा हुआ अपनो के हाथों छला हुआ सोने के लंके में बैठा हूँ मैं एक दानव हूँ हां हां मैं रावण हूँ । ©harshit tyagi

अभिनय भी बहुत कठिन होता हैं

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